उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीजेपी कार्यालय के गेट पर खुद को आग लगाने वाले शख्स की आज मौत हो गई. बलराम तिवारी की इलाज के दौरान की ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई. बीते दिनों मकान मालिक के उत्पीड़न से त्रस्त होकर और पुलिस पर शिकायत न सुनने का आरोप लगाकर बलराम तिवारी ने खुद को आग लगा दी थी. घटना के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझाकर व्यक्ति को सिविल अस्पताल पहुंचाया था. जहां बर्न ट्रामा सेंटर में उसे भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के दौरान आज उसकी मौत हो गई.
बलराम तिवारी ने मकान मालिक पर प्रताड़ित करने का लगाया था. यही नहीं बलराम तिवारी का आरोप था कि पुलिस भी मामले की सुनवाई नहीं कर रही है. ज्सके बाद परेशान होकर वह भाजपा दफ्तर में आत्मदाह करने के लिए पहुंचा था. जहां उसने खुद को आग दी. और आज इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक, बलराम बिजली विभाग में संविदाकर्मी था. बलराम की पत्नी सोनिया ने मकान मालिक मनीष पाल पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
मामले में साथ ही आम्रपाली चौकी इंचार्ज रमापति पर शिकायत नहीं सुनने का भी आरोप है. सोनिया के मुताबिक, करीब पांच महीने पति की नौकरी छूटने से किराया नहीं दे पा रहे थे. नौ हजार रुपये बकाया था. कर्ज लेकर छह हजार रुपये मकान मालिक मनीष को दिया था, बाकी तीन हजार के लिए वह दबाव बना रहा था. मोहलत मांगने पर अभद्रता करता था.
घटना की जानकारी होने पर डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक, एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे थे. बलराम और उनकी पत्नी सोनिया का आरोप था कि वह अपनी शिकायत लेकर आम्रपाली चौकी प्रभारी के पास गए थे. लेकिन उनको वहां से भगा दिया गया था. जिस कारण उन्होंने ऐसा कदम उठाया है. घटना के बाद एडीसीपी ने बताया था कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मामले की जांच की जा रही है. चौकी प्रभारी पर दोष सिद्ध होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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